शुक्रवार, 30 मार्च 2012

ब्रिक्स के मायने ...

ब्राजील, रूस, चीन, भारत और दक्षिण अफ्रीका देशों के समूह ब्रिक्स की बैठक इन दिनों दिल्ली में हो रही है। कई अहम फैसले लिये जा रहे हैं। हालांकि मीडिया इतनी गंभीरता से नहीं ले रहा है, लेकिन यह तय है कि ये दो-तीन दिन 28 से 31 मार्च 2012 के दिन आने वाले सालों में याद रखे जाएंगे और इन दिनों का हवाला दिया जाएगा। ऐसा मुझे लगता है। अमेरिका की दादागिरी के खिलाफ इन पांच देशों ने जो फैसले लिये हैं, वे बेहद महत्वपूर्ण है। जैसे, ईरान से तेल खरीदना जारी रखना और डॉलर के मुकाबले पांच देशों की अपनी मुद्रा का चलन शुरू करना। इन फैसलों के मायने क्या रहेंगे। यह वक्त बताएगा। परंतु अब भारत को अमेरिका का पिठ्ठू कहने से पहले कुछ तो सोचना होगा। वरना तो पिछले कुछ सालों में भारत जो भी कर रहा था, वह उसे अमेरिका का पिठठू मानने के लिये बाध्य कर रहा था।