बुधवार, 1 जुलाई 2020

एक देशभक्त अपील


बहुत दिन बाद ऑफिस गया। मेट्रो तो चल नहीं रही है, इसलिए अपनी स्कूटी निकाली, आगे जाकर देखा कि पेट्रोल खत्म है।

बड़ा गर्व महसूस हुआ। वर्क फ्रॉम होम की वजह से तीन महीने से पेट्रोल पंप की शक्ल तक नहीं देखी। आगे एक पेट्रोल पंप देखा, तुरंत अपनी स्कूटी उस ओर मोड़ दी।

भीड़ कम थी, एक बाइक के बाद अपना नंबर आया। थोड़ा सा सीना फुलाया और बोला, “भइया, टंकी फुल कर दो”। सीना देख भइया थोड़ा मुस्कराया और तेल डालने लगा।

तकरीबन 350 रुपए में टंकी फुल। जवाब मिला, इसमें इतना ही आता है। अफसोस हुआ, काश! इससे ज्यादा का पेट्रोल डलवा पाता।

थोड़ा रुआंसा सा होकर भइया से पूछा, “क्या मैं डीजल ले सकता हूं?”

“जितना मर्जी! पर करोगे क्या और डीजल भरोगे कहां?”
मेरे पास दोनों ही सवाल का जवाब नहीं था, इसलिए निकलने में ही भलाई समझी, कहीं भइया पागल न समझ ले।

लेकिन अफसोस इस बात का है कि मैं अमेरिका की कुल जनसंख्या से ढाई गुना अधिक लोगों को,   ब्रिटेन की जनसंख्या से 12 गुना अधिक लोगों को, और यूरोपियन यूनियन की आबादी से लगभग दोगुने से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार द्वारा दिए गए मुफ्त अनाज स्कीम में अपनी ज्यादा भागीदारी देने से वंचित रह गया।

मेरा आप सब भाइयों से विनम्र निवेदन है कि अपनी गाड़ियों में ज्यादा से ज्यादा पेट्रोल डलवाएं। और हो सके तो डीजल के लिए कट्टी या दो लीटर वाली पेप्सी की खाली बोतल लेकर जाएं। बल्कि पेट्रोल से ज्यादा डीजल लें, कहीं न कहीं काम आ जाएगा।

जब हम ज्यादा से ज्यादा पेट्रोल डीजल की खपत करेंगे तो हमारे पैसे के एक हिस्से से हमारी सरकार छठ तक 80 करोड़ लोगों को राशन देगी।

जिन लोगों के पास डीजल कार है, उनसे मेरा निवेदन है कि वे जरूर पूरे मास्क-वास्क पहन कर सड़कों पर घूमें और गाड़ी में ज्यादा से ज्यादा डीजल डलवाएं। आरोग्य ऐप भी अपने फोन में रखें।

जो देशद्रोही छठ और बिहार के इलेक्शन से जोड़ कर देख रहे हैं, उनके लिए पाकिस्तान का रास्ता खुला है। आजकल चीन भी जा सकते हैं। लेकिन एक किलो चना जरूर अपने साथ रखें। वहां की सरकार आपको मुफ्त राशन नहीं देगी।

धन्यवाद!