रविवार, 11 मार्च 2018

बहरों का शहर

सुनते हैं कि
सुनी को अनसुनी कर देते हैं वो
फिर भी उन्हें सुनाओ तो सही
माना कि बहरों का शहर है ये
मगर जोर से चिल्लाओ तो सही