शुक्रवार, 25 नवंबर 2016

ए नए नोट ...


ए नए नोट,
तुम कहां हो
बैंक में गए थे हम
पर नहीं मिले तुम
किसी ने कहा,
तुम छिप गए हो
किसी ने कहा,
तुम्हारा अपहरण कर लिया गया है
तो किसी ने कहा,
तुम्हें तो जन्म, ही नहीं दिया गया,
छलावा हो तुम
लेकिन हमें विश्वास है
तुम यहीं हो
यहीं कहीं ...
आ जाओ,
ए नए नोट
तुम्हारे बिना हम नहीं रह पाएंगे
बीमारी से मर जाएंगे या भूख से
जहां भी हो,
तुम आ जाओ
जहां कहीं भी हो,
आ जाओ
किसी की कैद में हो
तो कोशिश करो
उसकी कैद से निकलने की
क्योंकि
उससे ज्यादा हमें तुम्हारी जरूरत है।
@राजू सजवान



नोट– एक बार फिर दुस्साहस कर रहा हूं, जिस भी भाई की भावना को ठेस पहुंचे, उससे माफी चाहता हूं। वैसे गाली सलाह देने का आपका अधिकार सुरक्षित है। स्वाीगत है ...

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