कुछ बातें ऐसी, जिसे चुगली के अंदाज में कहने का मन करता है
जानता हूँ कि कभी नहीं मरेगा मेरे भीतर का रावण पर मैं अपने भीतर का राम भी कभी नहीं मरने दूंगा शुभ विजयदशमी ...
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